गोस्वामी तुलसीदास
गोस्वामी तुलसीदास का जन्म राजपुर उत्तर प्रदेश में माना जाता है जन्म के समय इनकी मुंह में पूरे दांत थे अशुभंकर समझ कर इनके माता पिता ने इन्हें त्याग दिया . त्यागे जाने के कारण संत नरहरी दास ने काशी में इनका पालन पोषण किया.
उनका विवाह रत्नावली नाम की सुंदर युवती से हुआ था ऐसा कहा जाता है कि रत्नावली ने इन्हें बहुत फटकारा कहा " जितना प्रेम मेरे सरीर से है उतना प्रभु राम से " इस वाक्य को सुन कर यह घर से विरक्त होकर तीर्थाटन के लिए निकल पड़े और तन मन से भगवान राम की भक्ति में लीन हो गए
इन्होंने रामचरितमानस की रचना की जो जनमानस का सदैव मार्गदर्शन करती है रामचरितमानस मागधी भाषा में लिखी सनातन धर्म की पवित्र पुस्तक है काशी के संभवत 1880 श्रवण शुक्ल सप्तमी के दिन इनका देवासान हो गया.
प्रश्न और उनके उत्तर
तुलसीदास जी का पालन किसने किया था
नरहरिदास
तुलसीदास जी की पत्नी का नाम क्या था रत्नावली तुलसीदास ने किसकी रचना की थी
रामचरितमानस