Bharani Nakshatra भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक कैसे होते हैं भरणी नक्षत्र क्या है

भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक कैसे होते हैं भरणी नक्षत्र क्या है bharani-nakshatra-in-hindi)

(people born in bharani nakshatra are courageous and self respecting know their nature and personality) Bharani Nakshatraभरणी नक्षत्र में जन्मे जातक के चमकदार आँखें, बड़ा मस्तक, औसत कद कई बार लम्बा तथा रंग गेहुंआ होता है। लम्बी गर्दन तथा मुख भी कुछ लम्बा होता है। इनक सिर भी कुछ बड़ा होता है।
 
Bharani Nakshatra
Bharani Nakshatra भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक कैसे होते हैं भरणी नक्षत्र क्या है 



भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक के चमकदार आँखें, बड़ा मस्तक, औसत कद कई बार लम्बा तथा रंग गेहुंआ होता है। लम्बी गर्दन तथा मुख भी कुछ लम्बा होता है। इनक सिर भी कुछ बड़ा होता है।
 
स्त्री जातक बहुत सुन्दर होती हैं । ये जातक बुद्धिमान, दिमागी, ज्ञानी होते हैं। जीवन से इन्हें बहुतप्रेम होता है। सत्यवादी, विचार उत्तम, दृढ़प्रतिज्ञ, सुखी एवं धनी होते हैं। ये शौकीन मिजाज के होते हैं। ये चाहे ठीक हों या गलत अपने मतानुसार ही काम करते हैं। इस प्रकार कई बार ये सफलता भी प्राप्त नहीं करते। 


ये जरा सी बात पर परिजनों आदि के साथ बिगाड़ भी लेते हैं, पीछे पता चलने पर ये सब कुछ भूल भी जाते हैं। किसी के अधीन काम करना कम ही पसन्द करते हैं। ये दूसरों पर हर समय आज्ञा चलाना चाहते हैं। इनका जीवन उतार-चढ़ाव वाला होता है।
 

भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक के गृहस्थ जीवन

25 वर्ष तक विवाह हो जाता है। गृहस्थ जीवन सुखी ही होता है। ये परिवार में प्रेम करते हैं तथा परिवार से अलग रहना कम ही पसन्द करते हैं। स्त्री जातक का विवाह २२-२३ वर्ष की आयु में हो जाता है। ये पति पर हावी होती हैं। यद्यपि इनका पति इनसे पूर्ण प्रेम करता है। तथा भरोसा भी करता है।


 भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक का व्यवसाय 

भरणी वाले जातक सभी कामों के लिए ठीक होते हैं। खेलों, गाने-बजाने के सामान, आराम के सामान, कला, एडवरटाइज़मेंट, प्रर्दशनी, सिल्क, स्कूटर, मोटर कारों, खादों, उद्योग, रेलवे, सिनेमा, थियेटर, पशुओं के डॉक्टर, बूचड़खाने, होटल, रेस्टोरेंट, जज, प्रबन्धकीय अधिकारी, ठेकेदार, इन्जीनियर, सर्जन, जच्चा-बच्चा केन्द्र, नर्सिंग होम, ऐनक साज, दांतों के डॉक्टर तथा खेती के काम फलदायक रहते हैं।
 

भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक का स्वास्थ 

पुरुष जातक आम तौर से सिग्रेट आदि पीने के आदी होते हैं। सिर अथवा माथे पर चोट का डर रहता है। मुख तथा दृष्टि के भी विकार हो जाते हैं। सर्दी, जुकाम, छींके आदि हो जाते हैं। देखा गया है कि बेशक ये स्वास्थ्य का ध्यान कम ही रखें, स्वास्थ्य ठीक ही रहता है। फेफड़ों के विकार, बुखार, जिस्म दर्द तथा शक्कर रोग हो सकते हैं। स्त्री जातक को मासिक धर्म तथा बच्चेदानी के विकार का डर रहता है। खून की कमी आम हो जाती है।
 

भरणी नक्षत्र में  सूर्य 27 अप्रैल से 10 मई तक इस नक्षत्र में रहता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। नीलम 5 रत्ती सोने की अँगूठी में चौथी उंगली में धारण स्वामी करना शुभ है।

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